|| * इतना फायदेमंद है "एलोवेरा" ||
* इतना फायदेमंद है "एलोवेरा"
☆ एलोवेरा (ग्वारपाठा / घृतकुमारी ) क्या है? भारत में ग्वारपाठा या घृतकुमारी हरी सब्जी के नाम से प्राचीनकाल से जाना जाने वाला कांटेदार पत्तियों वाला पौधा है। आयुर्वेद में इसे घृतकुमारी की 'उपाधि मिली हुई है। औषधि की दुनिया में इसे संजीवनी भी कहा जाता है।
इसकी 200 जातियां होती हैं। देखने में यह अवश्य अजीब-सा पौधा है लेकिन इसके गुणों का कहीं कोई अंत नहीं है। इस पौधे के पत्ते ही होते हैं जो ज़मीन से ही निकलते हैं, 3-4 फिट लम्बे और 3-4 इंच चौड़े होते हैं जिनके दोनों तरफ़ नुकीले कांटे होते हैं।
ये पत्ते गहरे हरे रंग के मोटे, चिकने और गूदेदार होते हैं। जिन्हें छीलने पर घी जैसा गूदा निकलता है। इसीलिए इस वनस्पति को घृतकुमारी और घी गुवार भी कहा जाता है।
ग्वार पाठे के उपयोग से कई आयुर्वेदिक औषधियां बनाई जाती हैं जिनमें रजः प्रवर्तनी वटी, कुमार्यासव, कुमारी पाक आदि और यूनानी दवाओं में हब्ब अयारिज़, हब्ब सिब्र आदि के नाम उल्लेखनीय हैं। पेटेण्ट दवाओं में ऐलोपैथिक दवा एलोज़ कम्पाउण्ड (Alos compound) का मुख्य घटक द्रव्य ग्वार पाठा है।
☆ एलोवेरा के औषधीय गुण : दस्तपर, शीतल, तिक्त, नेत्रों के लिए हितकारी, रसायन, मधुर रस युक्त, बलवीर्य वर्द्धक तथा वात, विष, गुल्म, प्लीहा व यकृत के विकार, अण्डवृद्धि, ग्रन्थि, अग्निदाह, विस्फोट, रक्तविकार और त्वचा रोग आदि विकारों को दूर करने में सहयोग देने वाली वनस्पति है।
एलोवेरा के उपयोग : ग्वारपाठे के रस का उपयोग कई व्याधियों को दूर करने में गुणकारी सिद्ध हुआ है। जैसे - मधुमेह (डायबिटीज़) का मामला ले लें । मधुमेह को नियन्त्रित करने में ग्वारपाठे का रस बहुत गुणकारी सिद्ध हुआ है। एक रोगी की रक्तशर्करा 300 से ऊपर रहती थी।
उन्हें 2-2 गोली शिलाप्रमेह वटी के साथ ग्वारपाठे का रस 25-25 मि.लि. सुबह शाम सेवन कराया। इससे उनकी रक्त शर्करा तो नार्मल हुई ही साथ ही मुरझाया हुआ निस्तेज चेहरा भी खिला हुआ और तेजस्वी हो गया था। यहां घरेलू इलाज में उपयोगी एलोवेरा जूस के कुछ प्रयोग प्रस्तुत किये जा रहे हैं।
☆ एलोवेरा सेवन विधि (dosage & how to take) सुबह शाम इसका रस 20-20 मि.लि. यानी 2-2 बड़े चम्मच भर, थोड़े पानी में मिला कर या बिना पानी मिलाए पीना चाहिए।
☆ एलोवेरा के फायदे : 1. कब्ज में एलोवेरा के फायदे - कब्ज को मलावरोध कहते हैं। इस स्थिति में भोजन के बाद सुबह शाम कुमार्यासव 4-4 चम्मच आधा कप पानी में मिला कर लेने से आराम होता है।
2. पेट के रोग - कुमार्यासव में एलोवेरा होता है। ऐलोवेरा जूस सुबह शाम पीने से ऐसा ही लाभ होता है। पेट कठोर हो गया हो तो उसे नरम करने के लिए, रात को पेट पर तैल का लेप करके, ग्वारपाठे का गूदा रख कर पट्टी बांधने से सुबह तक पेट नरम हो जाता है, उदर की वेदना दूर होती है।
3. आमवात में एलोवेरा के फायदे - जीर्ण आमवात रोगी को एलोवेरा जूस पीने के साथ ही गेहूं के 50 ग्राम आटे को एलोवेरा जूस में गूंध कर रोटी या बाटी नाकर घी लगाकर सुबह शाम भोजन के साथ खाना चाहिए।
4. कामला इसे पीलिया भी कहते हैं जिसमें आंखों में पीलापन, क़ब्ज़, पित्त प्रकोप आदि लक्षण प्रकट होते हैं।
5. गुल्म- उदर में आंत में कहीं गुल्म यानी गांठ हो।
6. बवासीरपाचन शक्ति कमज़ोर होना यानी मन्दाग्नि, मलावरोध होना, सिर में भारीपन या दर्द होना, खूनी बवासीर में मल के साथ खून आना, दर्द होना, नींद न आना, बेचैनी बनी रहना आदि ।
7. अम्लपित्त- इसे हायपर एसीडिटी भी कहते हैं, गले, छाती व पेट में जलन होना, जी मचलाना, मुंह का स्वाद कड़वा रहना, मुंह में छाले, मल विसर्जन के समय जलन होना, उलटी जैसा जी होना आदि ।
8. पेशाब में रुकावट - पेशाब में रुकावट, गन्दलापन, खुल कर पेशाब न होना ।
9. रक्त विकार- दाद खाजखुजली एक्जीमा, शीत पित्ती, वात रक्त, फोड़े फुसी होना आदि ।
10. जीर्ण आमवात- खाया हुआ आहार पूरी तरह न पचना, चिकना आंवयुक्त मिल निकलना, वात प्रकोप होना, अंगुलियों में सूजन, जोड़ों में दर्द व सूजन आदि। इन सातों व्याधियों को दूर करने के लिए एलोवेरा जूस सुबह शाम पूरा लाभ न होने तक पीना चाहिए। बहुत ही कारगर उपाय है।

Useful 👌
ReplyDeleteNice 👍
ReplyDeleteWoww great knowledge shared 🙏🏻❤️
ReplyDeleteNice knowledge 👍
ReplyDeleteAlovera ke bare me kam log jante he itna 👍
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